दिवस असे की |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
दिवस असे की कोणी माजा नाही अन मी कोणाचा नाही |
|
दिवस असे की कोणी माजा नाही अन मी कोणाचा नाही |
|
|
|
|
|
|
|
|
आकाश्याच्या छत्रीखाली भिजतो, आयुष्यावर हसने थुन्कुन देतो |
आकाश्याच्या छत्रीखाली भिजतो, आयुष्यावर हसने थुन्कुन देतो |
या हसन्याचे कारन उमगत नाही, या हसने म्हणवत नाही |
|
दिवस असे की कोणी माजा नाही अन मी कोणाचा नाही |
|
|
|
|
|
|
|
|
प्रश्नांचे हे एकसंधसे तुकडे, त्यावर नाचे मनीचे अबलक घोडे |
|
प्रश्नांचे हे एकसंधसे तुकडे, त्यावर नाचे मनीचे अबलक घोडे |
|
या घोड्याला लगाम शोधत आहे, परी मजला गवसत नाही |
|
दिवस असे की कोणी माजा नाही अन मी कोणाचा नाही |
|
|
|
|
|
|
|
|
मी तुसडा की मी भगवा बैरागी, मद्यपि वा मी गांजेवाला जोगी |
|
मी तुसडा की मी भगवा बैरागी, मद्यपि वा मी गांजेवाला जोगी |
|
अस्तित्वाला हजार नावे देतो, परी नाव ठेववत नाही |
|
|
दिवस असे की कोणी माजा नाही अन मी कोणाचा नाही |
|
|
|
|
|
|
|
|
मम म्हणताना आता हसतो थोड़े, मिठुन घेतो वस्तुस्थितीचे डोळे |
मम म्हणताना आता हसतो थोड़े, मिठुन घेतो वस्तुस्थितीचे डोळे |
या जगण्याला स्वप्नान्चाही आता, मेघ पालवत नाही |
|
दिवस असे की कोणी माजा नाही अन मी कोणाचा नाही |